इंस्ट्रूमेंटल एनालिसिस में विशेष योग्यता के कारण 1970 में मुझे
प्रतिष्ठित वैक्यूम स्पेक्ट्रोग्राफ और हाइड्रोजन गैस अनालिजर का कार्यभार सौप
दिया गया और साथ ही प्राहा चेकोस्लोवाकिया(Praha, Czechslovakia) से आये विशेषज्ञ पान(श्रीमान) कोडल को मेरे साथ जोड़ दिया गया । श्वेत, छोटे कद के, नीली आँखों वाले 55
वर्षीय कोडल एक सीधे-साधे काम से मतलब रखने वाले पर हंसमुख वैज्ञानिक थे । पर जब
कभी कोई उनके पारिवारिक जीवन से सम्बंधित बात करता तो वे उदास हो जाते और उनकी आँखें भींग जाती । उनका तलाक हो चूका था । उनके बेटी चेकोस्लोवाकिया में डॉक्टर थी
। बाप-बेटी में बहुत प्यार था । जब भी क्या ,प्रत्येक 15 दिनों पर बेटी का पत्र
आता । बाद में पत्राचार में मुझे भी शामिल कर लिया गया । जब कभी गुड मोर्निंग के
साथ कोडल मुझे अपने देश की सिगरेट ऑफर करते मै समझ जाता ।
उस समय स्पेशल स्टील को फोर्ज कर विजयंत टैंक के बैरल का
निर्माण होता था । स्टील इंगोट की वैक्यूम डीगेसिंग होती थी । उसके बाद स्टील सैंपल
में हाइड्रोजन की मात्रा की जाँच होती थी । हाइड्रोजन बबल स्टील इंगोट में ज्यादा रहने
पर फोर्जिंग के समय बम की तरह फूट कर इंगोट में बड़ी दरार कर देता था । इसके उपकरण
में लगभग 30 किलो मरकरी का व्यवहार कर वैक्यूम पैदा किया जाता था । मरकरी लोहे
से दोगुना भारी होने के कारण उसे ताकतवर मोटर पंप से 2 मीटर सीधी खड़ी शीशे की मोटी नली में चढ़ाया-उतारा जाता था ।
एक बार टेस्टिंग के समय मोटर जैम हो गया । पारा और उसमें
लिपटी गन्दगी मोटर के भीतरी ओर्फिस में फंस गयी थी । 24 घंटे के अन्दर विश्लेष्ण
रिपोर्ट भेजनी होती थी पर कारखाने के इंस्ट्रूमेंट रिपेयर शॉप ने इतनी जल्दी ठीक
करने में अपनी असमर्थता जाता दी । कोडल ने मेरे कंधे पर हाथ रखा, सिगरेट पिलाई और
तब तक उनके साथ रिपेयर में हाथ बटाने का आश्वासन लिया जबतक मोटर ठीक नहीं हो जाती
और समय पर रिपोर्ट नहीं भेज दी जाती । हमलोगों ने मोटर के एक-एक पुर्जे को खोलकर
साफ़ कर , ओइलिंग कर पहले से बेहतर बना दिया । दूसरे दिन सुबह समय पर रिपोर्टिंग कर
हमलोग घर और हॉस्टल लौटे ।
उस दिन मैंने कोडल से दो बातें सीखीं, हिम्मत नहीं हारना । दूसरी
सबसे अहम् बात यह की किसी भी सामान को रिपेयर में देने के पहले उसे खुद दुरुस्त
करने की तबियत रखना ।
यह सीख मेरे जीवन में बहुत काम आयी । घरेलु उपकरणों जैसे सिलाई
मशीन, इलेक्ट्रिक गैजेट्स,,छोटी-मोटी प्लम्बिंग, कारपेंटरी और फिटिंग का काम अब रिपेयर
पर्सन की बाँट नहीं जोहता ।
कोडल का कार्यकाल दो वर्षों का था ।